Saturday, 30 May 2015

जवाब

कभी कभी सोचता हूँ काश उस वक्त तुम्हारा चेहरा देख सकू जब तुम मेरे QISSEY पढ़ती हो|
पढ़ते पढ़ते उस हंसी का और  मुंह बनाने मे भी.... तुम्हारा कोई जवाब नही हैं ..!
सोच रहा था कुछ दिन लिखना छोड़ दूँ . शायद इरादे बदल जाए | मगर जब रात के 3:58 AM हो और नींद आँखों से दूर हो तो लिख के तुमसे बाते करना बेहतर समझा ..
तुम्हारे ख्याल में दुनिया को समझने लगे है |  .... आज जैसे मानो सुबह का इंतज़ार करती सुबह मेरा मज़ाक बना रही हो | ख्याली पुलाव ही सही.......इसमें खुशबु तो है तुम्हारी|

तुम्हे याद हैं तुमने एक बार कहा था कि तुम्हे अपने प्यार को पाने के लिए बाघी भी हो सकती हो |
उस बात से एक बात दिल में आई कि इंसान जब इश्क करता है तो उसका जुनूं ......उसे सारी दुनिया से लड़ने की ताकत दे देता है। लगता है कि अगर आपका चाहने वाला  आपके साथ हो तो फिर ज़हान साथ रहे, ना रहे क्या फ़र्क पड़ता है। 
पर जिसके भरोसे सारे जग की दुश्मनी मोल ली, अगर वही हमारी भावनाएँ समझ ना सके तो दिल का टूटना लाज़िमी है। किस किस को सफाई देते रहें और अगर दें भी तो किस जगह  पर
आखिर तुम्हारे ना समझ पाने का गम क्या कम है कि सारे ज़माने से लड़ते फिरें।...
हंसी भी आती है ....गुस्सा भी आता है |
जो हाल तेरा हैं वो भी मेरा हैं
मेरे पास पाने के लिए भी तुम हो....
और खोने के लिए भी तुम !!
पर सवाल फिर वही हैं ... जवाब भी फिर वही है

दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दें
तुमको हो ख़याल तो हम क्या जवाब दें

पूछे कोई कि दिल को कहाँ छोड़ आये हैं
किस किस से अपना रिश्ता जाँ तोड़ आये हैं
मुशकिल हो अर्ज़--हाल तो हम क्या जवाब दें
तुमको हो ख़याल तो ...हम क्या जवाब दे 

पूछे कोई कि दर्द--वफ़ा कौन दे गया
रातों को जागने की सज़ा कौन दे गया
कहने से हो मलाल तो हम क्या जवाब दें
तुमको हो ख़याल तो ... हम क्या जवाब दे|


जो पूरे हो सके कुछ ये QISSEY हैं मेरे 

कुछ तेरे और ...आधे अधूरे से QISSEY मेरे 

| पंकज शर्मा |



Friday, 29 May 2015

ਤੇਰਾ ਚੇਤਾ

ਜਦੋ ਰਾਤ ਦੇ ਘੁੱਪ ਹਨੇਰੇ ਵਿਚ...." ਚੰਦ " ਤਾਰਿਆ ਨੂੰ  QISSEY  ਸੁਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ....
ਸੁਣ ਕੇ ਗਲਬਾਤ .....ਤੇਰਾ ਚੇਤਾ ਆਉਂਦਾ ਹੈਂ ..

ਜਦੋ ਸੂਰਜ ਤਾਕੀਆ ਰੋਸ਼ਨਦਾਨਾ ਚੋ ਮੇਰੇ ਮੂਹ ਤੇ ਪਹਿਲੀਆ ਲਿਸ਼ਕੋਰਾ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ ....
ਮੈਨੂ ਓਸ ਪਹਿਲੀ ਝਾਕ ਚ ਤੇਰਾ ਚੇਤਾ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ..

ਘਰ ਦੀ ਛਤ ਤੇ ਬੈਠੇ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਰੇਡੀਓ ਤੇ ਗੀਤ ਕੋਈ ਆਪਣੇ ਲਈ ਲਵਾਉਂਦਾ ਹੈਂ ..
ਮੈਨੂ ਓਸ ਗੀਤ ਵਿਚੋ ਤੇਰਾ ਚੇਤਾ ਆਉਂਦਾ ਹੈਂ ...

ਪਾਣੀ ਦੀਆ ਨੀਲੀਆਂ ਸੱਲਾਂ ਉੱਤੇ ਕੋਈ ਚੇਹਰਾ ਬਣ ਆਉਂਦਾ ਹੈਂ ....
ਓਸ ਚੇਹਰੇ ਵਿਚੋ ਤੇਰਾ ਚੇਤਾ ਆਉਂਦਾ ਹੈਂ  

ਕੋਈ ਖ਼ਤ ਕਿਸੇ ਦਾ ਆ ਕੇ ਮੇਨੂ ਪੜਾਉਂਦਾ ਹੈਂ .... 
ਤਾਂ ਓਸ ਖ਼ਤ ਵਿਚੋ ਤੇਰਾ ਚੇਤਾ ਆਉਦਾ ਏ,

ਕੋਈ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਰੁਸਦਾ ਲੜਦਾ ਹੈ ਤੇ ਮਨਾਉਂਦਾ ਹੈਂ ... 
ਤਾਂ ਓਸ ਰੁਸਣ ਮਨਾਵੇ ਵਿਚ ਤੇਰਾ ਚੇਤਾ ਆਉਦਾ ਏ,

ਕੋਈ ਭੁਲਿਆ ਵਿਸਰਿਆ ਆ ਕੇ ਤੇਰਾ ਹਾਲ ਸੁਣਾਉਂਦਾ ਹੈਂ  
ਤਾਂ ਫਿਰ ਦੁਬਾਰਾ ਮਿਲਨੇ ਦਾ ਮੰਨ ਕਰ ਆਉਂਦਾ ਹੈਂ ...

ਮੇਰੇ  ਨਾਲ ਤੇਰੇ ਰਿਸ਼ਤੇ ਦਾ ਬਸ ਪਤਾ ਥੋੜਿਆ ਲੋਕਾ ਨੂੰ,
ਜਿਹਨੂੰ ਪਤਾ ਜਿਕਰ ਜਦ ਕਰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਤੇਰਾ ਚੇਤਾ ਆਉਦਾ ਹੈਂ ..

ਜਦੋਂ ਪੁਛੇ ਤੇਰੇ ਬਾਰੇ ਕੇ ਹਾਲੇ ਵੀ ਝੱਲੀ ਦਾ , ਚੇਤਾ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ..
ਹੱਸ ਕੇ ਕਹਿ ਦੇਣਾ  , ਭੁਲਣ ਦਾ ਕੋਈ ਵਕ਼ਤ ਹੀ  ਨਹੀਂ ਆਉਂਦਾ ਹੈਂ ...

| ਪੰਕਜ ਸ਼ਰਮਾ |

Monday, 25 May 2015

TANU WEDS MANU मेरी नज़र में

TANU WEDS MANU फिल्म के बारे में बड़े दिन से चर्चा सुन  रहा था , फिल्म के trailer भी अच्छे  लगे | मन में एक बात तो ठान….  ली के,  फिल्म तो जरूर देखि जाएगी | 2011 में जब इस फिल्म का पहला भाग आया था तो  शायद BATHINDA  के फन सिनेमा'स में मेरे इलावा कुछ NEW MARRIED COUPLES  ही  थे|
.. उस समय फिल्म का मतलब था world cup fever से दूर जाना , उस समय फिल्म के साथ तनु को वापस लेकर लौटा | तनु तब JAB WE MET की करीना से अच्छी लगी | इस साल भी IPL से और जिस तरह से रोमांटिक MOVIES  के नाम पर पोर्न बेचा जा रहा हैं , अब मल्टीप्लेक्स मनो सपना लगने लगा |
इस बार आई TANU WEDS MANU RETURNS  ...|
 पर इस बार मेरे जैसी सोच रखने वाले लोग जो गर्मी और IPL से पक्क चुके थे अपना WEEKENDS tanu और manu को देना चाहते थे ... |
फ्राइडे से लेकर संडे तक FB पे लोगो के updates देखकर दिल डरने लगा .... के यार मूवी देखने चला तो जाऊ ....इसके गानो और तनु की अदाएं कही और आजमाने का दिल किया |
बचपन में फिल्मो के लिए craze अलग LEVEL पे होता था |
क्युकी वो फिल्मे A .C में न हो कर एक पंखे वाले हाल में देखि जाती , मुलायम गद्दो की जगह सपाट लकड़ी की कुर्सिया होती ...|
तारीख आई 24 may जन्मदिन के 1 दिन बाद दोस्त रिश्तेदार इस मूवी को मेरे प्लान के मुताबिक देखने से मना कर चुके थे ....
 इस बार निकल पढ़ा | अपने एक नए नवेले दोस्त के साथ जिसने फिल्म देखते देखते खूबसूरत लम्हों को कागज़ पे उतार लिया |
मैंने तय किया और चुना अपने कुछ छिछोरे दोस्तों को और MULTIPLEX  की जगह किसी कमज़ोर इमारतों वाले सिनेमा हाल की की सैर करवाई |
  जहाँ पर संडे के दिन वो ऑडियंस आये जो फिल्म के emotion के साथ चले , न की AC की हवा के साथ बैठी रहे ... जहा फिल्म के उताव चढ़ाव पर नाखून खाए जाए , न की popcorn |
सिनेमा हाल में दाखिल  हुआ और देखा की - पूरा उत्तर प्रदेश  और बिहार आ चूका है ... कुछ भाई आसाम से भी आये हुए थे ...... चेहरे पर ख़ुशी आ गयी- " चलो सही ठिकाने पे आ गया हूँ ".... एक सीट पकड़ी और बैठ गए देखने 13   साल बाद उसी सिनेमा घर में जहाँ मांमाँ  जी की ऊँगली पकड़कर देखने आय| करते थे कभी .........|

फिल्म की  शुरुवात में जैसे ही "no smoking"  ki advt  …..आई सभी भाइयो ने अपनी अपनी बीड़ी जला ली .... देख कर हंसी भी आई और प्यार भी के हम लोगो को जिस चीज़ से रोका जाये वो करने को हम  वो मज़े से करते हैं | सिगरेट नहीं पीता  हूँ पर इसका धुआं मुझे वहा बैठे अच्छा लगा ... पता नहीं क्यों ???

फिल्म शुरू हुई अमेरिका में जहा तनु अपने पति के साथ शादी के 4 साल बाद , मनु के पागलपन के बारे में  डॉक्टर्स को बता रही  है के उसका पति अब पहले जैसा नहीं रहा ..... तनु जैसी भारत की अनेको लडकिया तनु में खुद को ढूंढ सकती हैं  की यही प्रॉब्लम्स को तनु बहुत अच्छे अंदाज़ में अपने कामकाजी पति के बारे में पिछले 4 साल का ब्यौरा दे रही है . उसका पति उसे घूमने नहीं ले जाता  , रोमांटिक बातैं नहीं करता , 40  साल का मोटा डॉक्टर   मनु बिलकुल बदल गया है ..... और मनु अपनी सफाइयां देते हुए भारत के सभी पतियों का दर्द बयान कर जाता हैं ... ये सुन क डॉक्टर उसे सच्ची में पागल समझकर पागलखाने में डालते हैं |

 धीरे धीरे शुरू हुयी ये तनु की गाडी मनु को किसी पागलखाने  छोड़ कर कानपूर चली जाती है ... वहा से कानपूर में उसी के घर पर बैठे 6 महीने  से बिना किराया दिए बैठे .. रामपुर वाले चिंटू के साथ FLIRT और दारु के पेग मारती.. फिर वहां से अपने पुराने प्यार राजा अवस्थी के पास जो बिना देखे तनु के जैसे दिखने वाली लड़की के साथ आँख बंद करके शादी करने जा रहा है के ... पहुँच जाती है तनु dil  उनकी शुरू हुयी कहानी में ब्रेक डालने |

इधर मनु शर्मा  दिल्ली आ के तनु को तलाक देने की सोचता हैं और तनु के जैसे दिखने वाली धत्तो से पहली नज़र का दूसरा प्यार कर बैठता हैं |........ उसकी सूरत से नहीं सिर्फ इस लिए प्यार  होता है के वो तनु के जैसे दिखती है ... कहानी सभी किरदारों को एक साथ हरयाणा के झज्जर गाँव में एक साथ ला देती है और प्यार जब लात पड़ती है तो इंसान आगे गिरता है कुछ ऐसा होता है तनु के साथ |
अब तनु इस बार ठान लेती है की जब तक मनु शर्मा जी की शादी नहीं होगी धत्तो के साथ........ वापस नहीं जाएगी | बावली हो गयी पे चाह के भी कुर्सी पे बैठा नहीं जा स्का |..... मनु को सभी रोक रहे है दूसरी शादी करने  के लिए|  ... आखिर तक कहानी पूरी रफ़्तार पकड़ लेती हैं | 

रिश्तो की उलझनों को ..कहानी के WRITER ने बाखूबी अच्छा लिखा है | बड़ी बात ये है के MODREN लड़की की सोच पे सब ने खुल के हंसी और क्या बात !!! ठोकी |

बड़ी बड़ी बातें कौन करे। तनु वेड्स मनु रिटर्न देखकर हंसी रुकेगी नहीं 

तनु के किरदार में....आज की हर लड़की जो "अपने आप " में MYCHOICE का नारा लगाती है बहुत अच्छे  खुद को  देख सकती है ..तनु नई सोच की लड़की हैं .. तनु आज की लड़की की कहानी हैं बाकियो से अलग |
बॉलीवुड में अधिकतर रोमांटिक या रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों में लड़का-लड़की को आख़िर में एक साथ दिखा देते हैं और फिल्म वहीं ख़त्म हो जाती है. लेकिन क्या फिल्में हमें उसके आगे की कहानी बताती हैं?
 आम ज़िंदगी के कई जोड़े शादी कर लेते हैं, लेकिन कुछ सालों में ही उनका रोमांस ख़त्म होने लगता है. इसके बाद दोनों एक-दूसरे की उन आदतों से वाकिफ होते हैं जो उन्हें शादी से पहले नहीं पता थीं या पता होते हुए भी वह उन आदतों को अनदेखा कर दिया करते थे. आज जब तमाम रिश्ते नाते बिखर रहे हैं, ऐसे में सात जन्मों का मजबूत रिश्ता समझा जाने वाला पति-पत्नी का  रिश्ता  भी इससे बचा  नहीं है|

कहानी आगे बढ़ती हैं ... तनु के लिए दिल में सच्चा प्यार अभी भी है , मनु delhi आता है और DELHI UNIVERSITY में मिलता है स्पोर्ट्स कोटे वाली। झज्जर की दत्तो सांगवान , ये किरदार आप की आँखों में धुल झोकता हैं
 'म्‍हारा नाम है कुमारी कुसुम सांगवान और यो म्‍हारी सहेली पिंकी'
........ कसम ऊपर वाले की आज तक हमशक्लों वाली फिल्मे देखि होगी पर इस कुसुम दत्तो का किरदार में और तनु के किरदार की पहचान को देखकर मनु जी की तरह आप भी धोखा खा जायेंगे |जिस हरियाणा के समाज में औरतों को लेकर इतना तनाव है उस समाज में कंगना रानावत कितनी आसानी से घुस कर ढिशूम ढिशूम कर देती हैं। एक कलाकार जब अपने किरदार का हो जाए तो बदले में वह किरदार उस कलाकार को बहुत बड़ा बना देता है। कंगना ने तो एक ही फिल्म में दो-दो किरदार आसानी से जी लिए। बावरी और पागल दोनों को ऐसे निभाया जैसे लगा कि  दोनों अलग अलग हैं |

एक और किरदार इस कहानी को अपने कंधो पे लिए तनु मनु और राजा अवस्थी के बीच ..मोहब्बत ढूंढता दीखता है -- "चिंटू जी रामपुर वाले" , रांझणा के बाद फिर दिल जीत ले गए |
अपने आप में ये किरदार आपको आस पास घुमते मिल जायेंगे ... देखो तो कुछ भी नहीं , समझो  तोह सोच से दूर की दुनिआ में जीते किरदार .... पर रहते जरूर है .. हमारी गली नई तो किसी और गली में|

पप्पी भैया के बिना TANU WEDS MANU अधूरी लगती हैं .... जैसे जो काम कभी JOHNEY LEVER साब किया करते थे .. 
बड़ी बड़ी बातें कौन करे। तनु वेड्स मनु रिटर्न देखकर हंसी रुक सके तो रोक लेना जी और इस फिल्म के पप्पी जी न हो तो शादियों वाली फिल्मों की बात नहीं बनती। वही पप्पी जी, जो ज़िंदगी में कुछ पाने से चूक गए, मगर साथ निभाने को हमेशा मौजूद। हर घर में होम डिलिवरी की तरह। दूसरों की शादियों में गाते बजाते रहे और अपनी शादी के लिए तरसते रहे। पप्पी जी ने रंग जमा दिया।
कहानी आगे बढ़ती है और मनु शर्मा को इस बार प्यार होता है .. थोड़ी थोड़ी सी दिखने वाली धत्तो से .... ये चीज़ भी एक इंसान की DIL KE  दिमाग को बयान करती हैं|
 के कैसे ...किसी इंसान  को दूसरी बार भी सच्चा प्यार हो जाता है .. मेरा TANU WEDS MANU को देखने का मकसद यही था कि कैसे कोई आदमी एक बार सच्चे प्यार में आके शादी के बाद बिन तल्लाक दिए सच्चा प्यार कर सकता है ...???
इस फिल्म में  दत्तो  और तनु के प्यार के बीच फंसे मनु आखिरी फेरे तक इसी सोच में रहते है के वो दत्तो से शादी क्यों कर रहे हैं ???? और तनु को छोड़ क्यों रहे है ???

ये सभी किरदार आप के आस पास घुमते दिखेंगे ...तनु के किरदार में OPEN MINDED लडकिया अपने आप को परदे पर अपनी कहानी होती देख सकती हैं |शादी हिंदुस्तानी समाज का सबसे बड़ा सपना और त्योहार है। सबका अनुभव एक सा है। अजीब रस्म है। इतनी कड़वाहटों के बुनियाद पर रची जाती है, मगर उसमें से भी सबके लिए अपार खुशियों और यादों का मौका निकल ही आता है। चाहे शादी मेल मिलाप से हो जाए या कुंडली मिलन से। बंगाली बाबा का बोर्ड बताता है कि शादी के अंदर की समस्याओं का समाधान आज तक कोई नहीं ढूंढ सका है। इसलिए शादियों वाली फिल्मों की बात ही कुछ और होती है। लगता है कि हमारे घर की कहानी चल रही है

फिल्म का एक डायलाग जान ले लेता है जिसमे my DEAR तनु बोलती है - “वाह शर्मा जी! हम थोड़े से बेवफा क्या हुए, आप तो बदचलन हो गए!”
देखा जाय तो इस डायलाग  में बदलते समाज की आहट साफ़  सुनायी देती है. लड़का, लड़की अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी से बेहद जल्दी बोर होने लगे हैं और इस क्रम में बेवफाई और बदचलनी की राह चुन लेना, उनके लिए बेहद आसान  सी बात बन गयी है. और इसके बाद, तलाक और अकेलापन. फिर कुछ दिन बाद,  दूसरी शादी, लिव-इन  और फिर वही सोच NO SATISFACTION ......

तारीफ के लिए बचे है मेरे पसंदीदा JIMMY पाजी उन्होंने साबित किया के किरदार में length नहीं ... impact  और effect  देखा जाता है ... जो के KHANS ये भूल गए है |
और इस फिल्म का एक एक सीन पे तालिया और सीटी बजती हैं ..... कहानी सीढ़ी साधी इस लिए अच्छी लगती है |
फिल्म के गानो पे मैं तो  खूब तनु जी के साथ नाचा हूँ
 , धत्तो के  किरदार के साथ और तनु के किरदार साथ आप आखिर तक चलते रहेंगे |
मनु का किरदार अछा लगा |
कुल मिला के बोलू तोह फिल्म का हीरो है - ANAND L RAI ...... tanu WEDS manu और RAANJHANAA के बाद फिर दिल जीता |

आखिर में कहूँगा ...... फिल्म से बाहर आते सिनेमा को पीछे मुड़कर देखा तो मानो जैसे सिनेमा हाल  और कुर्सिया मेरा शुक्रिया कह रही हो -और बोल रहे हो --"कदे साडी गली भूल के वी आया करो |"
आप भी एक बार देखने का विचार जरूर कीजियेगा |


THANKS FOR READING
PANKAJ SHARMA 

Friday, 22 May 2015

ਖਿਆਲ

ਦੁਨੀਆ ਤਾਂ ਵਸਦੀ ਹੋਰ ਵੀ ਬਥੇਰੀ , ਥੋਡਾ ਚੇਹਰਾ ਹੀ ਕਿਓਂ ਨਵਾਂ ਲਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈਂ ...
ਜੇ ਲੱਗੇ ਕੋਈ ਜਾਨ ਤੋ  ਪਿਆਰਾ , ਫਿਰ ਓਹਦੇ ਲਈ  ਪਿਆਰ ਤਾਂ ਆਉਂਦਾ ਹੈਂ

ਦੱਸੋ  ਕੋਈ  ਨਾਰਾਜ਼ਗੀ  ਤਾਂ  ਨਹੀਂ  ਜੇ ਥੋਨੂ IMAGINATION  ਵਿਚ ਬੁਲਾਵਾਂ  ... ??
ਗਲ  ਦਿਲ  ਦੀ  ਇਕ .. ਇਸ  ਦਿਲ  ਦੇ  ਨਾਲ  ਕਹਿ  ਜਾਵਾਂ ..??

ਜੇ  ਬੁਲਾਵਾਂ  ਥੋਨੂ  ਮਿਲਣ  ਲਈ  ਤਾਂ  ਦੱਸੋ  ਮਿਲਣ  ਲਈ  ਆਓਗੇ  .. ??
ਜੇ  ਲੱਗੀ ਠੰਡ ਮੈਨੂ , ਤਾਂ ਦੱਸੋ  ਘੁੱਟ ਕੇ  ਜੱਫੀ  ਪਾਓ  ਗੇ ... ??

ਮੈਂ  ਸਾਲਾਂ  ਤੋਂ  ਲਕੋਈ   ਗਲ  ਥੋਨੂ ਡਰ ਕੇ   ਕਹਿਣੀ   ਹੈ ...
ਨਿਭਾਉਣਾ  ਹੈ  ਥੋਡੇ  ਨਾਲ  ਪਿਆਰ  , ਜਦੋਂ  ਤਕ  ਮੇਰੀ  ਜਿੰਦਗੀ  ਰਹਿਣੀ   ਹੈ ...

ਇਹ  ਹੁਣ  ਥੋਡੇ  ਤੇ  ਹੈ , ਬੇਸ਼ਕ  ਗਾਲਾਂ  ਕਢ ਕਿ  ਮੈਨੂ  ਨਾ  ਕਰ  ਦਿਓ ..
ਬਸ   ਨਫਰਤ  ਨਹੀ  ਕਰੋਗੇ  ਕਦੇ , ਇਹਨੀ  ਜੇਹੀ  ਹਾਮੀ  ਭਰ  ਦਿਓ ...

ਥੋਡੀ  ਯਾਦਾਂ  ਨਾਲ  ਹੀ  ਮੇਰੀ  Qissey  ਲਿਖਦੇ ਦੀ , ਉਮਰ ਬੀਤ   ਜਾਵੇਗੀ ..
ਪਰ  ਸੱਚੀ  ਕਵਾਂ , ਰੋਂਦੀਆ ਅਖਾ  ਨਾਲ  ਥੋਡੀ  ਯਾਦ  ਬਹੁਤ  ਆਵੇਗੀ

ਹੋਵਾਂਗਾ  ਮੈਂ  ਦੂਰ  ਤੁਸੀਂ  ਲਭ   ਨਹੀਂ  ਪਾਓਗੇ ..
ਹਵਾ   ਚਲੇਗੀ  ਸਿਰਫ , ਜਦ  ਜਦ  ਵੀ  ਮੈਨੂ  ਬੁਲਾਓਗੇ ..

ਪਰ  ਜੇ  ਹਥ  ਫੜੋਗੇ  ਮੇਰਾ , ਤਾਂ  ਸਵਰਗਾਂ   ਤਕ  ਜਾਓਗੇ .
ਚਲੋ  ਹੱਸ  ਦੋ  ਹੁਣ ਨਹੀ  ਤੁਸੀਂ  ਮੈਨੂ  ਵੀ   ਰੁਵਾਓਗੇ ...

ਇਹਨਾ  ਕੱਚਾ   ਨਹੀ , ਕੇ  ਥੋਡੀ   "ਨਾ" ਸੁਣ  ਕੇ  ਥੋਨੂ  ਛਡ   ਜਾਵਾਂਗਾ ..
ਨਾਰਾਜ਼ਗੀ ਤਾਂ ਨਹੀ ਜੇ PROPOSE ਦੀ ਜਗ੍ਹਾ ਥੋਡਾ ਓਮਰਾ ਵਾਲਾ ਸਾਥ ਮੰਗਣ ਆਵਾਗਾ ?????????

ਉਮਰ  ਬੀਤ  ਦੀ  ਜਾਂਦੀ   ਤੇਰੇ  ਖਿਆਲਾ  ਦੇ  ਨਾਲ .....
ਕਦੇ  ਤਾਂ  ਮਿਲ ਕਲਪਨਾਵਾ ਤੋ ਬਾਹਰ .. ਹਕੀਕਤ ਨਾਲ ...


Wednesday, 20 May 2015

आदत




किसी ने आज कहा के मेरे बारे में कुछ लिखो .... बदले में कुछ भी मांग लेना ...
जानते हो क्या लिखा ... " नहीं लिख पाउँगा "

तुम्हे जो लिखता हूँ ... सौदेबाज़ी करनी सीखा नहीं |
, चाहे रिश्ता कोई नहीं है
तुमसे सीखा है कि - रिश्ते और रास्ते सँभल के चुनने चाहिए।

रिश्ते  और  रास्तो  के  बीच   एक  अजीब  सा  रिश्ता  होता  है …….
कभी  रिश्तो  से  रास्ते  मिल  जाते  है .
और  कभी  कभी  ….. रास्तो  में  रिश्ते  बन  जाते  है .
 तुम  लिखना  के  …" तुम्हे  भी  किसी  से   मोहब्बत  हुई  थी  …..
और  फिर  उस  मोहब्बत  में  हुई नाकामी  लिखना  …..

यु  हज़ार   बार भी  टूटे  या   रूठे  …
मना  लूँगा  तुजे  …..
मगर  देख  तेरे और  मेरे बीच  शामिल  कोई  दूसरा  ना  हो ..

तुम  नाराज़  होती  हो  तो   अच्छी  लगती  हो ..
तुम  हस्ती  हो  तो  अच्छी  लगती  हो ..
तुम  जब  बात  नहीं   करती  हो  तो  भी   अच्छी  लगती  हो …
तुम  दूर  होती  हो  तो   अच्छी  लगती  हो ...
तुम  आदत  हो  या  पागलपन
या  हो  ज़िद  मेरी  …..
हकीकत  हो  या  कल्पना  मेरी   सब  में  ….
तुम  बस
मेरी  लगती  हो  …..
दिल  से  नहीं   आज   होठो  से  कहता   हूँ  …
तुम  हमेशा  से  अच्छी  लगती  हो …

तुम्हे लिखना भी एक आदत सी है .....
तुम्हे सोचना भी एक आदत सी है.....
तुम्हे भूलने की कोशिश हैं ....
पर रोज़ याद करना भी तो एक आदत है
जैसे साँस लेना आदत है ..
तुम भी एक आदत हो ...
पर ये आदत मुझे अच्छी लगती है ...

तुम्हे हांसिल करने के लिए नहीं लिखता हूँ ...
लिखता हूँ क्युंकि  तुम्हे मेरी बातो से अपनी खबर मिलती रहे |

तुम मुझे जिंदगी में हमेशा जरूरी समझना
सुना है जरूरी काम तुम जरूर याद रखती  हो..|||

QISSEY
PANKAJ SHARMA 20-MAY-2015

Tuesday, 19 May 2015

PANJABI GAANE

ਬਹੁਤ ਏਹੋ ਜਿਹੀਆ ਚੀਜ਼ਾ ਸਾਡੇ ਸਮਾਜ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਹਨ - ਚੰਗੀਆ-ਬੁਰੀਆ
ਅਸੀਂ ਓਹਨਾ ਨੂ ਵਰਤਦੇ ਵੀ ਹਾਂ , ਪਰ ਓਸ ਨੂੰ ਸਮਾਜਿਕ ਨਜ਼ਰ ਤੋ  ਵੇਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾ ਬੁਰੀਆ ਵੀ ਲਗਦੀਆ|
ਪਰ ਜੇ ਓਸ ਨੂੰ ਜਿਆਦਾ ਗੰਭੀਰਤਾ ਨਾਲ ਨਾ ਲਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾ ਕੁਝ ਵੀ ਨਹੀ|
ਮੈਂ ਕੋਈ ਸੰਦੇਸ਼ ਜਾ ਗਿਆਨ ਨਹੀ ਦੇਣ ਲੱਗਾ .... ਇਹ ਸਭ ਮੈਂ ਵੀ ਸ਼ੋਂਕ ਨਾਲ ਸੁਣਦਾ ਤੇ ਗਾਉਂਦਾ ਹਾਂ
ਪਰ ਏਕ ਝਾਤ ਜਰੂਰ ਮਰਵਾਉਣਾ ਚਉਂਦਾ ਹਾਂ --
ਯਾਰਾ ਦੋਸਤਾ ਨਾਲ ਦੂਰ ਤੇ ਸਫ਼ਰ ਜਾ ਰਹੇ ਸੀ ... ਗੱਡੀ ਚ ਚਲ ਰਹੇ ਗਾਣਿਆ ਦੇ ਬੋਲ ਦਸਣ ਲੱਗਾ -
1  .ਮੱਲ ਕੇ ਸੁੱਟਤਾ ਨੀ ਰੰਨੇ ਤੂ ਪੁੱਤ ਜੱਟ ਦਾ .....
2 ਪੈਸਿਆ ਦਾ ਸ਼ੋਂਕ ਸੀ ਕੂੜੇ , ਕਿਸੇ ਬਾਣੀਏ ਦਾ ਨਾਮ ਰੱਟਦੀ .......!!!!!
3 ਤੂ audi ਤੇ ਮੈਂ ford ਤੇ .... ਤੂੰ jagaur ਚ ਮੈ ford ਤੇ ...... ਤੂ ACTIVA ਤੇ ਮੈਂ ਬੁੱਲੇਟ ਤੇ ... ਤੂੰ ਰਿਕ੍ਸੇ ਤੇ ਮੈ ਚੇਤਕ ਤੇ
ਲਿਸਟ ਬਹੁਤ ਲੰਬੀ  ਹੈ - ਜੋ ਡਿਗਰੀਆ ਲੈ ਕੇ ਸ਼ੋਂਕ ਪੂਰੇ ਨਹੀ ਕਰਦੇ ਇਹ ਗਾ ਕੇ ਕਰਦੇ ਹੈਂ -
ਕੁੜੀਆਂ 'ਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੀ ਨੀਂ ਗਾਣੇ ਬਣਨ ਲੱਗ ਪਏ,
ਤੂੰ ਕੋਫ਼ੀ ਪੀਂਦੀ, ਮੈਂ ਲੱਸੀ .....ਤੂੰ A.C. 'ਚ ਰਹਿੰਦੀ ਮੈਂ ਧੁੱਪ 'ਚ .......ਤੂੰ Jeans ਪਾਉਂਦੀ ਮੈਂ ਪਜਾਮਾ.........ਤੂੰ ਆਹ ਤੇ ਮੈਂ ਓਹ ..........ਤੂੰ ਫਲਾਣੀ ਤੇ ਮੈਂ ਧਿਮਕੜਾ.......ਇਦਾਂ ਲੱਗਦਾ ਜਿਦਾਂ ਕੋਈ ਖੇਡ ਖੇਡਦੇ ਹੋਣ ...''ਛੇ ਅੰਤਰ
ਲੱਭੋ''...
ਕੁੜੀ ਚੀਜ਼ ਜਿਹੀ ਬਣ ਗਈ, ਗਾਣਿਆਂ 'ਚ ਵੀ,
ਜ਼ਿੰਦਗੀ 'ਚ ਵੀ...
ਵਰਤੋਂ ਤੇ ਪਰਾਂ ਸੁੱਟੋ..
ਤਾਂ ਹੀ ਕੋਈ ਧੀ ਜੰਮ ਕੇ ਰਾਜ਼ੀ ਨੀਂ, ਉਨਾਂ ਨੂੰ ਪਤਾ ਕੀ-
ਕੀ ਹੁਣਾ ਫ਼ਿਰ ਵੱਡੀ ਹੋਈ 'ਤੇ, ਡਰ ਲੱਗਦਾ ਮਸ਼ਟੰਡਿਆਂ
ਤੋਂ..
ਜੇ ਕੋਈ ਜੰਮਦੇ, ਓਹ ਉਲਾਂਭਾਂ ਜਿਹਾ ਲਾਹੁੰਦਾ ''ਲਓ ਜੀ
-------ਆਪਾਂ ਨੀਂ ਮਾਰੀ, ਜੰਮਤੀ ਕੁੜੀ''
ਜੰਮ ਤਾਂ ਦਿੱਤੀ, ਓਹਨੂੰ ਮਾਹੌਲ ਵੀ ਦਿਓ ਹਨਾ,
Safe  Feel ਕਰੇ,
ਆਜ਼ਾਦੀ ਨਾਲ ਜੀਵੇ,
ਪਰ ਗਾਣਿਆਂ, ਫ਼ਿਲਮਾਂ 'ਚ ਕੁੜੀ ਨੂੰ
ਦਿਖਾ ਹੀ ਇਦਾਂ ਦਿੱਤਾ ਕਿ ਹਰ ਕੋਈ ਬਸ ਇਸੇ ਪਿਛੇ
ਹੀ ਨੱਠ-ਭੱਜ ਕਰ ਰਿਹਾ...ਤੇ ਇਹੀ ਮਰਦਾਨਗੀ ਆ ਤੇ
ਇਹੀ ਮੰਜ਼ਿਲ, ਫੜ ਲਓ ਇਹਨੂੰ, ਜਾਵੇ ਨਾ ਕਿਤੇ...
ਤਾਂ ਹੀ ਬਲਾਤਕਾਰ ਹੁੰਦੇ ਆ, ਰੋਜ਼ ਹੁੰਦੇ ਆ, ਹਰ ਥਾਂ ਹੁੰਦੇ
ਆ...
ਕਦੇ ਡੇਰਿਆਂ 'ਚ ਕਦੇ ਸਮਾਧਾਂ 'ਚ
ਕਦੇ ਮੋਟਰਾਂ 'ਤੇ ਕਦੇ ਕਮਾਦਾਂ 'ਚ
ਕਦੇ ਸਕੂਲਾਂ 'ਚ ਕਦੇ ਹੋਸਟਲਾਂ 'ਚ
ਕਦੇ P.G.s 'ਚ ਕਦੇ ਹੋਟਲਾਂ 'ਚ
ਕਦੇ ਕੀਤਾ ਬੱਸ 'ਚ ਕਦੇ ਕਾਰਾਂ 'ਚ
ਕਦੇ ਕੱਲੇ ਕੀਤਾ ਕਦੇ ਯਾਰਾਂ 'ਚ
ਕਦੇ ਕੀਤਾ ਧੱਕੇ ਨਾਲ ਕਦੇ ਪਿਆਰ ਨਾਲ
ਕਦੇ ਕੀਤਾ ਧਮਕੀ ਨਾਲ ਕਦੇ ਹਥਿਆਰ ਨਾਲ...
ਮਿਰਜ਼ੇ ਰਾਂਝੇ ਦੇ ਭੇਸ 'ਚ ਛੁਪੇ ਇਹ ਸ਼ੈਤਾਨ ਨੇ,
ਦੂਰ ਕੀ ਜਾਣਾ saade ਵਰਗੇ ਨੌਜਵਾਨ ਨੇ...
....
ਪਰ
ਕੁੜੀ ਚੀਜ਼ ਨਹੀਂ ਜੀਅ ਕੀਤਾ ਵਰਤ ਸੁੱਟ ਦਿਓ
ਕੁੜੀ ਵੇਲ ਨਹੀਂ ਜਦ ਚਾਹਿਆ ਜੜੋਂ ਪੁੱਟ ਦਿਓ
ਮਤਲਬ ਗਲ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾ ਮੁੰਡਿਆ ਦੀ ਗਰੀਬੀ ਨੂ ਚੰਗਾ ਬਿਆਨ ਕਰਦੇ ਹੈਂ .....
ਗਾਣਾ ਬਣਾਉਣਾ ਕੋਈ ਔਖਾ ਕੰਮ ਨਾਈ ਹੈ - ਸਭ ਤੋ ਪਹਿਲਾ ਇਕ ਚੰਗਾ ਗਾਣਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ.. ਜਮੀਨ ਦੀ ਲਿਮਿਟ ਕਰਵਾਓ , ਫਿਰ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਤੇ ਜਾਂ ਕੁੜੀਆ ਬਾਰੇ ਲਿਖ ਕੇ ਗਾਣਾ ਤਿਆਰ ਕਰੋ ... ਪੰਜਾਬੀ ਸਿੰਗਰ ਦੇ ਆਲੇ ਦੁਵਾਲੇ foreign models , ਇਕ AUDI , ਇਕ RAPPER , ਤੇ ਕਿਸੇ ਦੂਸਰੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਧੁਨ ਨੂ ਪੰਜਾਬੀ ਬੋਲਾ ਨਾਲ ਢਾਲ ਕੇ ਤਿਆਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਗਾਣਾ |
investment ਚੰਗੀ ਹੈ ਪਰ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ਇਕ facebook ਤੇ ਏਕ official page ਤੇ  ਨਾਮ ਦੇ ਪਿਛੇ blue tick .... FAKE LIKES .....FAKE YOUTUBE VIEWS !!!!!!!
ਪਰ ਮੰਨ ਨੂ ਤਸੱਲੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਕੇ ਇਕ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਸੋਹਨੀ ਨਾਰ ਦੇ ਲੱਕ ਦੇ ਠੁਮਕੇ , ਓਹਦੇ ਨਾਲ ਗੁਜਰੀਆ ਰਾਤਾਂ ਦੇ ਹਿਸਾਬ  ਕਿਤਾਬ... ਨੂੰ ਪੰਜਾਬੀ ਜਨਤਾ ਦੋ ਕੁ ਦਿਨ status ਤੇ ਚਲਾਉਂਦੀ ਹੈਂ |
ਬਸ  ਇਹਨਾ ਹੀ ਕੰਮ ਹੈ --- ਕੁੜੀ ਨੂੰ ਕਲ੍ਪਾਉਣ ਲਈ|
QISSEY

ਸੁਫਨੇ

ਸੁਫਨੇ 


ਅੱਜ ਦੀ ਸਵੇਰ  ਕਈ  ਗੱਲਾਂ  ਤੋ   ਖਾਸ  ਸੀ
ਇਕ ਇਹ ਕੇ ਦਿਲ  ਸਾਲਾ  ਤੋ    ਲੁੱਕੇ  ਜਜਬਾਤ  ਬਾਹਰ  ਨਿਕਲੇ  ..
ਦੂਜਾ  ਆਪਣੀ  ਥਾ  ਪਤਾ  ਲੱਗੀ
ਅਕਸਰ  ਸੁਣਿਆ   ਸੀ  ਅੱਜ   ਦੇਖ  ਲਿਆ  ਸੁਪਨਿਆਂ ਦਾ ਕਾਫਲਾਂ ਵੀ ਅਜੀਬ ਹੀ ਹੈ..
ਅਕਸਰ ਓਥੋਂ ਹੀ ਲੰਘਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਰਾਹ ਤੇ ਉਮੀਦਾਂ ਦੇ ਟੁੱਟਣ ਦਾ ਮਤਲਬ ਸੁਪਨਿਆਂ ਦਾ ਕਤਲ ਹੋ ਜਾਣਾ...
ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ | ਪਿਆਰ ਦਾ ਟੁੱਟਣਾ ਇਨਸਾਨ ਨੂੰ ਤੋੜ ਦਿੰਦਾ ਹੈ , ਤੇ ਇਨਸਾਨ ਦਾ ਟੁੱਟਣਾ ਉਮੀਦਾਂ ਨੂੰ ਤੋੜ ਦਿੰਦਾ ਹੈ|

ਇਕ   ਸੁਪਨੇ  ਦਾ  ਵਿਵਸਾਇਕ   ਕਤਲ  ਹੋਯਾ  
ਇਕ   ਸੁਪਨਾ  ਸੀ  ਜੋ  ਕਿੰਨੀਆ ਹੀ  ਬਹਾਰ  ਦੀਆ  ਰੁੱਤਾ   ਵਿਚ  ਪਿੱਜ  ਪਿੱਜ  ਕੇ  ਬੀਜ  ਬਣਿਆ   ..
ਤੇ  ਉੱਗਣ  ਤੋ   ਪਹਿਲਾ ਹੀ   ਤੋੜ  ਦਿਤਾ  ਗਿਆ  
ਨਾ   ਦੋਸ਼  ਇਥੇ  ਵਿਵਸਾਈ   ਹਾਕਮ  ਦਾ  ਸੀ ..
ਨਾ  ਦੋਸ਼  ਇਥੇ  ਬਗੀਚੇ  ਮਾਲੀਆ  ਦਾ  ਸੀ ..
ਦੋਸ਼  ਸੀ  ਤਾ  ਸਿਰਫ  ਸੁਪਨੇ  ਲੈਣ  ਵਾਲਿਆ  ਦਾ …..
ਸੁਪਨੇ  ਨਾ  ਵੇਖੇ  ਜਾਣ  ਤਾ  ਚੰਗਾ  ਹੋਵੇ  
ਬਣਦੀਆ ਉਮੀਦਾ  ਨੂ  ਪਹਿਲਾ   ਰੋਕ  ਲਿਆ  ਜਾਵੇ  ਤਾ  ਚੰਗਾ  ਹੋਵੇ  ….
ਪਰ  ਇਹ  ਤਾ  ਯੁੱਗਾ   ਯੁੱਗਾ   ਦੀ  ਕਹਾਣੀ  ਹੈ  ਪਹਿਲਾ   ਅਸੀਂ 
ਦੂਜੇ  ਜਹਾਨ ਨਾਲ  ਲੜਦੇ   ਰਹੇ  
ਫਿਰ  ਅਸੀਂ  
ਦੇਸ਼ਾ  ਨਾਲ  ਲੜਦੇ   ਰਹੇ  
ਇਸ   ਦੇ  ਬਾਅਦ  ..
ਅਸੀ  ਆਪਸ  ਵਿਚ  ਲੜਦੇ  ਰਹੇ  ..
ਤੇ  ਅਜ  
ਅਸੀਂ  ਆਪਣੇ  ਹੇ  ਅੰਦਰਲੇ  ਜਜਬਾਤਾ   ਨਾਲ  ਲੜ   ਰਹੇ  ਹਾਂ ..
ਕਹੰਦੇ  ਹੈ -" ਬੰਦੇ     ਨੂ  ਆਪਣੀਆ ਇਛਾਵਾ  ਨੂ   ਦਬਾਉਣਾ ਸਿਖਣਾ  ਚਾਹੀਦਾ  ਹੈ  "
ਪਰ  ਓਸ  ਚੰਦਰੇ ਮਨ  ਦੇ  ਚਾਵਾ  ਦਾ  ਕੀ  ਜਿੰਨੇ  ਬਥੇਰੇ  ਸੁਪਨੇ  ਨਾ  ਵੇਖੇ  ਹੋਣ  
ਕਾਲੀ  ਰਾਤ  ਹੈ  ਜੋ  ਮੈਨੂ   ਅੰਦਰੋ  ਖੁਰੇਚ  ਰਹੀ  ਹੈ  
ਇਕ  ਓਹ  ਸੁਪਨੇ  ਹੈ  ਜੋ  ਮੈ  ਦੋਬਾਰਾ  ਓਸ  ਨੀਂਦ  ਵਿਚ  ਜਾ  ਕੇ  ਬਦਲਣਾ  ਚਾਹੁਣਾ ਹਾ  
ਮੈ  ਏਕ  ਦੁਆ  ਮੰਗ  ਰਿਹਾ  -
ਮੇਨੂ  ਫੇਰ  ਦੋਬਾਰਾ  ਸੋਣ  ਦਾ  ਮੌਕਾ  ਮਿਲੇ  ਤੇ  ਆਪਣੇ  ਸੁਪਨਿਆ   ਦੇ  ਅੰਤ  ਬਦਲ  ਸਕਾ  ..
ਓਹਨਾ  ਪੰਕਜ  ਨਾਮ  ਦੀਆ   ਪ੍ਰੀਤ  ਲੜੀਆ ਦਾ  ਕਤਲ  ਕਰਕੇ   ਵਿਸ਼ਵਾਸ    ਦੇਵਾਂ  ਕੇ  ਇਹ  ਤਾ  ਸੁਪਨਾ  ਸੀ ..
ਕਿਵੇ  ਸਮਝਾਵਾ -:
ਸੁਪਨੇ  ਹਰ  ਕਿਸੇ ਨੂ  ਨਹੀਂ  ਆਉਂਦੇ  ……..
ਸੁਫਨਿਆ  ਲਈ  ਨੀਂਦ  ਦੀ  ਨਜ਼ਰ  ਹੋਣੀ  ਲਾਜ਼ਮੀ  ਸੁਫਨੇ  ਹਰ ਕਿਸੇ  ਨੂ  ਨਹੀਂ  ਆਉਂਦੇ ..
……. ………………………. 
  ਮੈ ਅਕਸਰ  ਵਜੂਦ  ਜਾ  ਆਪਣੇ  ਅਰਥ   ਕਿਓ   ਭੁੱਲ  ਜਾਂਦਾ ਮੇਰੇ ਤਾ ਨਾਮ ਦਾ ਮਤਲਬ ਹੀ ਹਾਰ ਤੋ  ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ , ਮਿਥਿਹਾਸ ਵਿਚ ਮੈਂ ਗੁਲਾਬ ਤੋ ਹਾਰਿਆ | 
ਟੁੱਟ ਗਿਆ ਹੈਂ ਸੁਪਨਾ ਗੁਲਾਬ ਦੇ ਖਿੜੰਨ ਦਾ
ਖੁਸ਼ਬੂ ਦੇ ਮਹਿਕਣ ਦਾ
ਖੁਸ਼ਬੂ ਨੇ ਕੀ ਮਹਿਕਣਾ ਸੀ

ਗੁਲਾਬ ਨੇ ਕੀ ਖਿੜਨਾ ਸੀ
ਕਲੀ ਨੇ ਕੀ ਫੁੱਟਣਾ ਸੀ
ਬੁੱਟੇ ਨੇ ਕੀ ਉਗਣਾ ਸੀ

ਜੋ ਬੀਜ਼ ਸੀ ..
ਧਰਤੀ ਵਿਚ ਸੜ ਗਿਆ
ਟੁੱਟ ਗਿਆ ਹੈ ਸੁਫਨਾ
ਖੁਸ਼ਬੂ ਦਾ
ਗੁਲਾਬ ਦਾ ..
ਪਿਆਰ ਦਾ ..

ਗੁਲਾਬ ਦਿਲ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿਚ ਉਗਦਾ ਹੈਂ
ਪਰ ਦਿਲ ਹਰ ਕਿਸੇ ਦੀ ਛਾਤੀ ਵਿਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ
ਪਿਆਰ ਦਾ ਗੁਲਾਬ ਖੂਨ ਪੀਂਦਾ ਹੈਂ
ਪਰ ਖੂਨ ਹਰ ਕਿਸੇ ਦੇ ਦਿਲ ਵਿਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ

ਪਥਰ ਵਿਚ ਕੁਝ  ਨਹੀਂ  ਉਗਦਾ
ਪਥਰ ਵਿਚ ਕੁਝ ਨਹੀਂ  ਖਿੜਦਾ
ਪਥਰ ਵਿਚ ਕੁਝ ਨਹੀਂ ਮਹਿਕਦਾ

ਟੁੱਟ ਗਿਆ ਸੁਫਨਾ ਗੁਲਾਬ ਦਾ ...
ਟੁੱਟ ਗਿਆ ਸੁਫਨਾ ਖੁਸ਼ਬੂ ਦਾ...
ਟੁੱਟ ਗਿਆ ਸੁਫਨਾ ਪਿਆਰ ਦਾ .....

ਮੈ  ਤਾ  ਹਾਂ ਹੀ   ਪੰਕਜ  ਜੋ  ਚਿਕੜ  ਵਿਚ  ਰਹਿੰਦਾ   ਹੈ
ਖੁਸ਼ਬੂ  ਦਿੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ   ….
ਜਿਦ੍ਹੇ  ਤੇ  ਕੋਈ  ਪਰਿੰਦਾ  ਆਪਣਾ  ਘਰ  ਨਹੀਂ   ਬਣਾਉਦਾ
ਬਸ   ਇਥੇ  ਹੀ   ਸੁਪਨਿਆ  ਦਾ  ਕ਼ਤਲ  ਹੁੰਦਾ  ਹੈ .. 




  QISSEY

ਚਿਖੋਵ

1892 ਵਿੱਚ, ਚੇਖੋਵ ਨੇ ਮਾਸਕੋ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 50 ਮੀਲ ਦੂਰ, ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਜੰਗਲੀ ਇਲਾਕੇ ਵਿੱਚ ਮੇਲਿਖੋਵੋ ਏਸਟੇਟ ਖਰੀਦਿਆ। ਜਿਵੇਂ ਹੀ ਉਹ ਉੱਥੇ ਪਹੁੰਚੇ, ਉਹ ਜੰਗਲ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦ...