पढ़ते पढ़ते उस हंसी का और मुंह बनाने मे भी.... तुम्हारा कोई जवाब नही हैं ..!
सोच रहा था कुछ दिन लिखना छोड़ दूँ . शायद इरादे बदल जाए | मगर जब रात के 3:58 AM हो और नींद आँखों से दूर हो तो लिख के तुमसे बाते करना बेहतर समझा | ..
तुम्हारे ख्याल में दुनिया को समझने लगे है | .... आज जैसे मानो सुबह का इंतज़ार करती सुबह मेरा मज़ाक बना रही हो | ख्याली पुलाव ही सही.......इसमें खुशबु तो है तुम्हारी|
तुम्हे याद हैं तुमने एक बार कहा था कि तुम्हे अपने प्यार को पाने के लिए बाघी भी हो सकती हो |
उस बात से एक बात दिल में आई कि इंसान जब इश्क करता है तो उसका जुनूं ......उसे सारी दुनिया से लड़ने की ताकत दे देता है। लगता है कि अगर आपका चाहने वाला आपके साथ हो तो फिर ज़हान साथ रहे, ना रहे क्या फ़र्क पड़ता है।
पर जिसके भरोसे सारे जग की दुश्मनी मोल ली, अगर वही हमारी भावनाएँ समझ ना सके तो दिल का टूटना लाज़िमी है। किस किस को सफाई देते रहें और अगर दें भी तो किस जगह पर ?
आखिर तुम्हारे ना समझ पाने का गम क्या कम है कि सारे ज़माने से लड़ते फिरें।...
हंसी भी आती है ....गुस्सा भी आता है |
जो हाल तेरा हैं वो भी मेरा हैं |
मेरे पास पाने के लिए भी तुम हो....
और खोने के लिए भी तुम !!
पर सवाल फिर वही हैं ... जवाब भी फिर वही है -
दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दें
तुमको न हो ख़याल तो हम क्या जवाब दें
पूछे कोई कि दिल को कहाँ छोड़ आये हैं
किस किस से अपना रिश्ता जाँ तोड़ आये हैं
मुशकिल हो अर्ज़-ए-हाल तो हम क्या जवाब दें
तुमको न हो ख़याल तो ...हम क्या जवाब दे
पूछे कोई कि दर्द-ए-वफ़ा कौन दे गया
रातों को जागने की सज़ा कौन दे गया
कहने से हो मलाल तो हम क्या जवाब दें
तुमको न हो ख़याल तो ... हम क्या जवाब दे|
कुछ तेरे और ...आधे अधूरे से QISSEY मेरे
| पंकज शर्मा |
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