Thursday, 4 May 2017

Qissey May 4

4 may
5:20 am

Day 4 : अभी बारिश हो के रुकी , बारिश होने के बाद मिट्टी की ख़ुशबू और साफ़ शफाक सड़के और तुम्हारी हँसी । दुनिया में ऐसी एक चीज जिसे मैं सबसे ज्यादा प्यार करता हूँ - तुम्हारी हँसी ।
आज भी वैसे ही था तुम खिलखिला कर हंस रही थी ।
सफ़ेद रंग की टीशर्ट में  तुम सच मानो बहुत क्यूट लगती हो । जब भी तुम कोशिश नही करती हो तो और भी खूबसूरत लगती हो । फिर से कहता हूँ "तुम्हें पता ही नहीं तुम मेरे लिए कितनी खूबसूरत हो ।
वैसे बताने के लिए बता रहा हूँ - जानती हो ज्यादतर लडकिया आज कल मुझे आज कल क्या कहती है - कि मैं उन पर कुछ लिखू ।
कौन समझाएं उन लड़कियो को के मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हें सोच कर ही तो लिख सकता हूँ ।
चाहे फिर A हो या बे या फिर मैंने आज तक कुछ भी लिखता हूँ तो उसमें तुम शामिल होती हो खैर तुम्हें इसकी खबर कहाँ तुम थोड़ा न समझोगी ।
तुम्हारे लिए तो आज भी सब कुछ झूठ है ।
तुम मेरा दिल रखने के लिए कभी कुछ नही बोलती
मैं तुम्हे क्यों इतना चाहता हूँ शायद कोई वजह नहीं ।

तुम्हें आज खिलखिला के हंसते देखा तो अच्छा लगा ऐसे ही हंसती रहा करो । तुम्हें हंसता हुआ देख आस्मां और बरसे जा रहा था ।
शायद हम एक दूसरे से बहुत दूर है
तुम्हारी दुनिया अलग मेरी अलग
बस अब से रोज़ यही से तुम मुझे मिलना ....वादा करो रोज़ मिलने का
तुम मुझे रोज़ पढ़ना ।
मैं तुम्हें रोज़ लिखूंगा , जब तुम मुझे पढ़ोगी तुम्हारे होंठो की आवाज़ मेरी ज़िन्दगी होगी ।
जिस दिन शायद ये लफ्ज़ तुम्हारे सिवा किसी और के लिए उकर आएं समझ लेना इस दुनिया में तुम्हें लिखने वाला शायद कोई एक बचा ही नहीं ।

Qissey 17/1



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