वो किस्से कहीं रख भूल गया हूँ ,
वो कहानियां लिख कर भूल गया हूँ ,
वो बचपन कहीं भूल गया हूँ ,
वो सारे किस्से,
वो कहानियां ,
कुछ दादी की ,
कुछ नानी की .....
वो कहानियां जिसमें राम भगवान् थे ..
जिसमें सीता माता थी ...
जिसमें रावण था
एक वो कहानी जिसमें
जिन्हं होते थे
चिराग भी घर हुआ करते थे .....
सब जादूई हुआ करता था ...
कोई मकड़ी का जाल फ़ेंक ...
सब को बचाने आ जाता था ...
तब तक सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था
दुनिया में .......
फिर कुछ दिन बाद
हाथो से सारे दोस्त छीन ले गया कोई...
फिर एक दिन तुमने उन सच्चे जिन्दा लोगो को ,
राजा रानी को ....
जींनी को ,
सिर्फ कहानी मानना सीख लिया ।
तुमने बड़े आराम से कह दिया ,
दादी और नानी भोली थी .....
आज मैंने
डायरी के पन्ने खोले।
सूखे सुर्ख गुलाबों के पत्तों में
बंद जिन्दगी खुल गयी।
चाँद वैसे के वैसा ही है
जैसे पहले छत से रोज़ बातें करता था ...
अब न ही कोई हाथी , घोडा हैं ...
वहां तक जाने के लिए पैदल ही जाना है ।
फिर से कोई भोला भाला
पागल भेजो न ....
जो दिन भर वो सब कुछ सुनने आये
रात होते ही सर सहलाये
कुछ बुनते बुनते
सुनते सुनते नींद आ जाये ।
मगर राम तो आज भी है ,
सीता तो आज भी है ,
बस एक रावण ही है
जो Anti-Hero हो गया है
अब देखो दुनिया की हालत .......!!!!!
पंकज शर्मा
वो कहानियां लिख कर भूल गया हूँ ,
वो बचपन कहीं भूल गया हूँ ,
वो सारे किस्से,
वो कहानियां ,
कुछ दादी की ,
कुछ नानी की .....
वो कहानियां जिसमें राम भगवान् थे ..
जिसमें सीता माता थी ...
जिसमें रावण था
एक वो कहानी जिसमें
जिन्हं होते थे
चिराग भी घर हुआ करते थे .....
सब जादूई हुआ करता था ...
कोई मकड़ी का जाल फ़ेंक ...
सब को बचाने आ जाता था ...
तब तक सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था
दुनिया में .......
फिर कुछ दिन बाद
हाथो से सारे दोस्त छीन ले गया कोई...
फिर एक दिन तुमने उन सच्चे जिन्दा लोगो को ,
राजा रानी को ....
जींनी को ,
सिर्फ कहानी मानना सीख लिया ।
तुमने बड़े आराम से कह दिया ,
दादी और नानी भोली थी .....
आज मैंने
डायरी के पन्ने खोले।
सूखे सुर्ख गुलाबों के पत्तों में
बंद जिन्दगी खुल गयी।
चाँद वैसे के वैसा ही है
जैसे पहले छत से रोज़ बातें करता था ...
अब न ही कोई हाथी , घोडा हैं ...
वहां तक जाने के लिए पैदल ही जाना है ।
फिर से कोई भोला भाला
पागल भेजो न ....
जो दिन भर वो सब कुछ सुनने आये
रात होते ही सर सहलाये
कुछ बुनते बुनते
सुनते सुनते नींद आ जाये ।
मगर राम तो आज भी है ,
सीता तो आज भी है ,
बस एक रावण ही है
जो Anti-Hero हो गया है
अब देखो दुनिया की हालत .......!!!!!
पंकज शर्मा
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