ढूंढते ढूंढते
इस भीड़भाड़ से दूर किसी दूसरे शहर जहाँ न सड़के जाती हैं
न पहुँचने के लिए नीली मुहर लगती हैं ...
बस एक नींद की करवट जाती हैं
यहाँ जो लोग मुझे जानते थे
उन्हें पता लग गया
कि अब मेरे पास न पंख है,
न कोई भगवान ....
न क़ुबूल होने वाली दुआएं....
और मेरे लिए एक भगवान फ़र्ज़ कर लेने का ....
मौका भी जाता रहा...
बस ढूंढते ढूंढते पैरो में छाले से पड़ने लगे हैं
न पहुँचने के लिए नीली मुहर लगती हैं ...
बस एक नींद की करवट जाती हैं
यहाँ जो लोग मुझे जानते थे
उन्हें पता लग गया
कि अब मेरे पास न पंख है,
न कोई भगवान ....
न क़ुबूल होने वाली दुआएं....
और मेरे लिए एक भगवान फ़र्ज़ कर लेने का ....
मौका भी जाता रहा...
बस ढूंढते ढूंढते पैरो में छाले से पड़ने लगे हैं
खैर आपके पास न वो नज़रे....
वो पंख नहीं हैं तो
मुझे इज़ाज़त दे
क्षमा दे ...
और बकने दे जो मैं अक्सर बकता हूँ
ढूंढने दे मुझे
वो पंख नहीं हैं तो
मुझे इज़ाज़त दे
क्षमा दे ...
और बकने दे जो मैं अक्सर बकता हूँ
ढूंढने दे मुझे
उस हकीकत को ....
कहने दे जो कहते हैं -" दुनिया ज़िंदा है ओर.."
और हम तो साँस ले रहे हैं, बस!
ये जो तुम गुज़ार रहे हो, ये तुम्हारी हक़ीक़त है,
या किसी और की 'वर्चुअल रिऐलिटी.....
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