वो आपको रोज़ नए तरीके से मिलेगी
रोज़ वो एक नई लड़की होगी
वो आपको रोज़ ठुकरायेगी
दिनों पे सालों साल भारी होगें
मेरी जान ये जो सारा फसाद है न हिस्ट्री का हैं
और ये सब मेरी जान मोमेंट्री आर्ट है
मैं एक ट्रैप में फंसा इंसान हूँ
आज भी गालों के खड्डों के बीच अटका इंसान
जानता हूँ रिपीट कुछ नही होता
रिपीट होता है तो 9 से 6 रगड़ने वाला इंसान
पढ़ सको तो समझना
फिर से किसी पहाड़ो में अटक जाएं
कोई बोनफायर चलाये ।
हर कोई सिगनिफिकेन्ट चाहता है
लेकिन तुम्हारी बातचीत ,बकबक सब मुझे मज़ा देती है
मेरी जान समझ सको तो समझना
मैंने बहुत कोशिश करके देखी
मुझे आज भी मेरी पहली मोहब्बत से वो मोहब्बत है
लाख ठकुराऐ , अनजान बना दे मोहब्बत तो मोहब्बत है
मेरी जान
ये ही तो ज़िन्दगी है अनएक्सपेक्टेड
पहली बार देखा तो अनजाना
फिर कुछ जान गया
फिर और ज्यादा जान गया
तुम किसी और से मिली
और मैं फिर से अनजाना
मेरी जाना मेरी आँखों में जो मोहब्बत तुमसे मिलने की जो ख़लिश वो सब कुछ समझो तो फिर से मिलना ।
मगर किसी तयशुदा मुलाकातों में नही बस यूं ही ,
किसी चौराहे पे
और बंद हो जाये किसी कमरे में
मेरी जान
समझना मेरी कल्पना को
जो तुमसे ही पैदा और बस गयी तेरे और मेरे बीच
लो मांन लिया कि मोहब्बत है मुझसे ज्यादा किसी और को तुमसे
मैं तुम्हारे प्यार में मर रहा हूँ
नही यार सतलुज की रानी
जमुना भी मुझे तवायफ़ सी लगी
कईओ की हवस अपने पास रखे बदबूदार होंकर भी पवित्र
क्योंकि वो सारे इल्ज़ाम खुद पर झेल रही है ।
लोगो की नाकामियों को खुद के माथे पर रगड़ें दौड़ती , और बहादुरी से चलती है ।
मेरे और तेरे बीच में यमुना का एक पुल् ही तो है
मैं ये पुल् कभी पार नही कर पाऊंगा ।
मेरा वजूद किनारों तक आ के सिमट जाता है ।
उस वक़्त मुझे तुम यमुना का पानी लगती हो ।
इंसान को भुलक्कड़ होना चाहिए ।
मैं चाहता हूँ कि मैं तुम्हारे अंदर कही जा के ठहर सकूँ जहां तक कोई ख्याल मुझे आ के तंग न करे ।
मैं वहाँ कोई कायर नही जीत में डूबा खुद को जमुना तैरता पाना चाहता हूँ ।
मैं आपसे मिलने के लिए मर रहा हूँ
नही तो
लेट मी डाई
मर रहा हूँ तो मरने दो
उसकी खातिर जो आपको सातवी कक्षा से सिर्फ जानता है , वो ये कभी नही जान पाएगा
कि तुम वो खाली सड़क में पीले से लिबास में कितनी ज्यादा खूबसूरत दिखती हो ।
वो कभी नही जान पायेगा
कि तुम द श और अ बोलते वक़्त थित्या जाती हो
वो कभी नही जान पायेगा कि उसके बाद और उससे पहले के बीचों बीच कोई तुमसे बेइंतहा मोहब्बत कर पाया है तो वो बदसूरत इंसान है
जिसकी औकात तुमने पानी पर गिरते पत्तों की तरह पाई।
जो बूंदे है
आखिरी कब तक बूंद पत्तो पर घर कर पाएगी ।
चलता हूँ मुझे बेचैनी हो रही है ।
मैं आज 3 बार बेहोश हुआ हूँ ।
जब मुझे मेरे होने न होने का होश न रहा ।
मैं उस पत्ते पर बूंद की तरह बेहोश हो कर ठहर जाना चाहता हूँ ।
तुम मुझे गिरने न देना
मेरी जान
कम से कम मेरे होश में वापस आने तक ।