खाना बनाना सीख रहा हूँ ..
हॉस्पिटल से छूटी मिलने पर डॉक्टर साहब ने मशवरा दिया
अपने stomach पे तरस खाओ
घर का बना कुछ दिन कोई साधा खाना खाओ
क्यों दुश्मन बने हो
मैंने कहा कोई दवाई लिख दीजिये तो उन्होंने कागज़ पे लिखा
घर का खाना
मशवरे की कोई फीस न लगी
खैर मैंने खाना बनाना सीख ही लिया
Youtube से
कुछ यारो से
पर जितना भी चाहूं
कितना भी खाऊं
हमेशा ज्यादा बन जाता हैं
तुम्हारी तरह नाप तोल कर
मुझे चाय के बनानी नहीं आती ..
आज छूटी थी
न सुबह उठने की जल्दी थी और न ही सोने की
बर्तन उठाया और शुरू कर दी गैस पे कढ़ी बनानी
छोटी छोटी गोल गोल पकोड़ियों नांच रही थी
जैसे नाचते है बारिश में बच्चे
बरसात से भीगे आँगन में
एक मशवरा आया मन में
अपने हॉस्टल वाले यारो को दावत दे डालूँ
फिर सोचा के थोड़ी सी कड़ी
अपने काम काजी दोस्त को भी भेज दूं
फिर ख्याल आया के
कहीं वो ये न सोचे के
मिलने आ धमका हैं फिर से ...
मन समझाया स्टील का डिब्बा उठाया
कड़ी लिए पहुँच ही गया उसके घर ...
घंटी बजायी ...
दरवाजे को खुलने में थोड़ी सी देरी लगी
सोचा शायद busy हैं अपनी weekend planning में
दरवाजा खोला..
मैं थोड़ा सा झिझका..
और स्टील का
आगे किया
उसने कड़ी को अनदेखा किया
और कहा - अभी अभी MC 'D हो के आये हैं |