Wednesday, 11 January 2017

कढ़ी

खाना बनाना सीख रहा हूँ ..
हॉस्पिटल से छूटी मिलने पर डॉक्टर साहब ने मशवरा दिया
अपने stomach पे तरस खाओ
घर का बना कुछ दिन कोई साधा खाना खाओ
क्यों दुश्मन बने हो
 
मैंने कहा कोई दवाई लिख दीजिये तो उन्होंने कागज़ पे लिखा
घर का खाना
मशवरे की कोई फीस न लगी
 
खैर मैंने खाना बनाना सीख ही लिया
Youtube से
कुछ यारो से
पर जितना भी चाहूं
कितना भी खाऊं
हमेशा ज्यादा बन जाता हैं
 
तुम्हारी तरह नाप तोल कर
 मुझे चाय के  बनानी नहीं आती  ..
आज छूटी थी
न सुबह उठने की जल्दी थी और न ही सोने की
बर्तन उठाया और शुरू कर दी गैस पे कढ़ी बनानी
छोटी छोटी गोल गोल पकोड़ियों नांच रही थी
जैसे नाचते है बारिश में बच्चे
बरसात से भीगे आँगन में
 
एक मशवरा आया मन में
अपने हॉस्टल वाले यारो को दावत दे डालूँ
 
फिर सोचा के थोड़ी सी कड़ी
अपने काम काजी दोस्त को भी भेज दूं
फिर ख्याल आया के
कहीं वो ये न सोचे के
मिलने आ धमका हैं फिर से ...
 
मन समझाया स्टील का डिब्बा उठाया
कड़ी लिए पहुँच ही गया  उसके घर ...
घंटी बजायी ...
दरवाजे  को खुलने में थोड़ी सी देरी लगी
सोचा शायद busy हैं अपनी weekend planning में
 
दरवाजा खोला..
मैं थोड़ा सा झिझका..
और स्टील का
आगे किया
उसने कड़ी को अनदेखा किया
और कहा - अभी अभी MC 'D हो के आये हैं |
 

Monday, 9 January 2017

फिर वही बात !!!

हम सब के पास हर कहानी के दो वर्ज़न होते हैं
एक दुसरो को सुनाने के लिए
और एक खुद को समझाने के लिए |
जैसे कि प्यार भी
हम सब एक ही तरह के बिज़नेस में हैं
Show Off बिज़नेस
चाहे कितनी भी सादगी से किया जाए |
इधर उधर चाय सिगरेट सुलगाते सुलगाते कोई न कोई आशिक़ भूतिया हर वक़्त फ़ोन पे बतियाता मिल जाता हैं और एक घिस्सी पिट्टी लाइनों को हर तरफ सरकारी पोचे कि तरह चलाता हैं |
हंसी आती सुन के ...
प्यार की सबसे खूबसूरत बात उसके साथ आने वाली परेशानियाँ हैं, अड़ंगे हैं, मुश्किलें हैं,
हाँ हाँ आपको भी बता देता हूँ ...
लाएं कान और आँखों से गौर कीजिये

एक बात पूछूं” ?
“पूछो”
"तुम मुझे सच में प्यार करते हो”
“हाँ”
क्यों?
“बस ऐसे ही”
“ऐसे ही? बताओ न”
हाँ बाबा हाँ
समझ में नहीं आता किसी को पसंद करने या प्यार करने की कोई वज़ह होना ज़रूरी है?
बिना वज़ह के कोई किसी को कैसे प्यार कर सकता है”?
“प्यार दुनिया की सबसे अच्छी बात है ही इसलिए क्योंकि उसके पीछे कोई वज़ह नहीं होती. कोई लॉजिक नहीं होता. जो बातें समझ आ जाती हैं वो साधारण हो जाती हैं. क्योंकि उनमें कोई रहस्य या मिस्ट्री बाकी नहीं रहते . एक्साइटमेंट नहीं रह जाता. इसीलिए बाक़ी बातें उतनी सुन्दर हो ही नहीं सकतीं जितना कि प्यार. जिस दिन इंसान ये समझ गया उसे प्यार क्यों होता है, प्यार भी मैथ्स की थ्योरम की तरह बोरिंग हो जाएगा |
इश्क़ में कहते हो हैरान हुए जाते हैं,
ये नहीं कहते कि इन्सान हुए जाते हैं।
कमिटमेंट और लॉयल्टी जैसे शब्द नौकरी में अच्छे लगते है, प्यार में इन शब्दों से गुलामी की बू आती है. अगर हमें कोई गुलाब का फूल बहुत अच्छा लगता है तो उसके उसको डब्बे में बंद करके मारने की बजाय हमें गमले में दूसरे के लिए छोड़ देना चाहिए. याद करो अपने साथ के वो लोग जो दिन भर में दस बार love you forever बोलते थे.
आज देखो उनको कहां गए वो लोग और कहां गया उनका प्यार |
प्यार को समझने की कोशिश करना बेईमानी है. अगर इस दुनिया में कुछ समझने और सहेजने लायक है तो वो हैं ‘पल’ और पल का कोई सच-झूठ, सही-गलत, पास्ट-फ्युचर नहीं होता |
अगली बार एक दूसरे को पक्का पहला प्यार करेंगे.
ज़िन्दगी क्या हैं ?
एक सवाल ही तो हैं |
और तुमसे प्यार क्या है ......??
एक ख्याल ही तो हैं |

पंकज शर्मा


ਚਿਖੋਵ

1892 ਵਿੱਚ, ਚੇਖੋਵ ਨੇ ਮਾਸਕੋ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 50 ਮੀਲ ਦੂਰ, ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਜੰਗਲੀ ਇਲਾਕੇ ਵਿੱਚ ਮੇਲਿਖੋਵੋ ਏਸਟੇਟ ਖਰੀਦਿਆ। ਜਿਵੇਂ ਹੀ ਉਹ ਉੱਥੇ ਪਹੁੰਚੇ, ਉਹ ਜੰਗਲ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦ...