नमस्कार !!!
इसको लिखते वक़्त हमारी वाणी शर्मा गलत हो सकती है लेकिन हमारी श्रद्धा शर्मा एक दम जमुना की तरह निर्मल है ......
Author : Durjoy Dutta ( Engineering + MBA ) / Maanvi Ahuja ( IIM )
मेरे Early 20s की ये मोस्ट suggested किताब थी CBSE और ICSE वाले सारे लौंडे लफाड़े ये पढ़ रहे थे | अपनी इंग्लिश ठीक ठाक थी कितना और कहाँ तक पढ़ पाते !! इस किताब के बारे में पहले किसी ने बात की है हैं या नहीं की है , लेकिन मैं करूँगा भाई .. क्यूंकि मैंने इस पढ़ लिया है | अब आपने अंदर से उगल रही है चुल्लेट | चीख चीख के बताऊंगा ...... !!!
Of Course I Love You Till I Find Someone Better
मुद्दा क्या है - वही है.. जो हर बार होता आया है दत्ता जी हर कहानी के हीरो का नाम ?????? देब है और लड़की का नाम never guess अवंतिका शर्मा ही हैं | ( इस में क्या lucky charm हैं anyways ??)
देब दिल्ली का लौंडा इंजीनियरिंग छात्र कहानी शुरू होते ही स्मृति को पेल रहा है | देखने में average बंगाली लड़के जैसा | लेकिन स्टड लौंडा एक के बाद एक लड़कियां आ रही है जा रही है | दिल्ली की कहानी है भाई यहाँ चलता है | ऐसे अंदर से अपने कपडे मत फाड़ना | समृति नाम की लड़की कहानी की हीरोइन कैसे हो सकती है इस लिए देब पढ़ने की कोशिश करने ही वाला होता है कि समृति भाभी को करना है फ़ोन सेक्स |
देब बाबू बोलता हैं - Baby other time !!!
समृति बोलती है - no !!
देब बोलता है - प्लीज़
समृति बोलती है - ऐ लावड़िया , पढाई ही करनी थी तो फ्रेंडशिप काये को किया ... जा भोचली के अब जा के तू पढ़ाई ही कर .. गलती से भी अपना थोपड़ा ले के आ गया न तो दिन में राफ्टें कि बरसात करेगी मै |
देब - समृति कि वाणी सुन के अपना हाथ जगन्नाथ कर के सो जाता है |
क्या घंटे का स्टड लौंडा .. पढ़ना नहीं तो वैसे ही सो जाता लड़की को क्यों नाराज़ किया... पर नहीं एक जायेगी, तो ही तो दूसरी आएँगी न | समृति देब कि कॉलेज की पहली गर्लफ्रेंड हैं | इससे पहले वर्णिता के साथ भी देब बाबू गुपचुप हो चूका है लेकिन अब ये हिस्ट्री है अब ये देब की गुड फ्रेंड्स है | दत्ता जी ने बस इतना ही बताया | बाकी अपना guess है |
कहानी कुछ दोस्तों के बारे में बताने की कोशिश करती है पर उनके Sub-पात्रो को establish होने ही नहीं देती | वीरू ,योगी , श्रेय , तन्मय , वर्णिता , अमित , आस्था , नीति .. बैकग्राउंड में अवंतिका के दो चालू बन्दे विल्लंस है | दूसरे पन्ने पर देब बाबू को ठरक आ रही है |
आम तौर पर कहानी फिक्शन इस लिए कहलाती है कि जो असली ज़िन्दगी का देब जो जो करने से चूक गया है - वो वो लिख कर उसे चिढ़ाया जाए | क्यूंकि कॉलेज में डिग्री के साथ अनलिमिटेड सेक्स नहीं किया तो कॉलेज लाइफ थोड़ी नहीं बहुत ज्यादा बोरिंग लगती है |
इस कहानी में सारी लड़किया खूब दारु गांजा फूक रही है
**** WARNING *** सिर्फ गांजा( weed ) फूकने से कैंसर नहीं होता|
देब बाबू के सारे दोस्त पढने लिखने वाले है मगर सबकी कैंपस प्लेस्मेंट हो रही है मगर अपने देब को ठरक से ही फुर्सत नहीं है - अल्फा बीटा जावा C++ तो फिर भी सीख लेंगे | btech का क्या है |
समृति कि exit के बाद अवंतिका आती है | बस अवंतिका दीदी दिल्ली कि अमीर लड़की ( बड़े लोग बड़े लोग ) देब बाबू है गरीब है बस उनके पास कार है बस कुछ इस लिए भी लड़कियां जल्दी सेट हो जाती है बाबा बंगाली के साथ ... म@#$$%^&* ............... कुछ नहीं गुस्सा आ गया था इस लिए गलत टाइप हो गया |
अवंतिका एंट्री के साथ ही बता देती है कि वो दो बन्दों का काट रही है |
देब बाबू खुश होते है के चलो नया शिकार मिला | अवंतिका भी पूरा लाइन देती है | अब भाई 100 पन्नो तक रोमांस चलता है | अवंतिका के पुराने बॉयफ्रैंड्स लड़ झगड़ कर दारु गांजे चरस में देवदास बन रहे है | मज़े में है देब बाबू | कर करवा कर सब दोस्तों को पास होने के बाद मिलती है डिग्रीया और नौकरी |
अवंतिका धार्मिक लड़की है एक दिन उसके दिमाग में ख्याल आता है ये साला फ़ोकट आदमी और नौकरी ले कर निकल पड़ती है बैंगलोर कहीं नौकरी करने | ( एन्ड में वापस आयेगी बड़ा महाफुद्दु सा लॉजिक लेकर )
देब बाबू यहाँ हिलाते नहीं थकते | और पिता जी कहने पर BHEL में काम शुरू करते है |
कहानी यहाँ खत्म थी लेकिन हैप्पी एंडिंग का presure , suspense भी रखना है , और एंडिंग में नए खून को रोना भी आना चाहिए |
तो bhel में नौकरी करते हुए देब बाबू का एक ही मकसद रहता है वहां बने एक बिहारी लड़के को stud बनने की घटिया कोचिंग करवाते है | 100 पन्ने अमित और आस्था की सेटिंग में गए |
(असली टारगेट तो नीति थी आस्था जी की roomamte बस अमित की सेटिंग हो जाए और इनकी अवंतिका के बाद वाली ठरक भी मिट जाए )
The End - में अवंतिका आ के बड़ा फुद्दू सा एक्सक्यूज़ देती है की वो उसकी ज़िन्दगी से इस लिए गयी कि उसके गुरु संत राम जी ने बोला था लड़के के लिए बड़ी मनहूस है | ये सुन के अवंतिका रोने लगती है और बताती है कि विमल गुटखा खा खा कर उसको कैंसर हो गया है |
बस देब और अवंतिका गले लग जाते है बाकी दोस्त भी एन्ड में इकठे हो जाते है
अवंतिका को कैंसर हो चूका है लेकिन नौकरी ढूंढ रही है , देब अपनी ठरक की कहानियों को छपवाने की खोज में है |
250 पन्नो की किताब आपका काफी समय बर्बाद कर सकती है |
इस लिए ये वादा करते हुए विदा लेता हूँ के हर हफ्ते एक किताब के बारे में जानकारी शेयर करेंगे | उसके pros cons और उसकी USP का ज़िक्र करेंगे | आप तब तक ये रिव्यु दोस्तों के साथ शेयर करे | हर गुरुवार को हर एक किताब का आंकलन करेंगे |
आपको अगर लगता है की कोई ऐसी किताब जो आपने अभी पढ़नी है तो प्लीज नाम भेजे हम उसका हाल बतावेंगे |
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